Friday, April 26th, 2024

उच्च शिक्षा: यूजी सिलेबस में 40% बदलाव, प्रवेश लेने से डिग्री पूरी होने तक कोई नहीं होगा फेल

भोपाल
सूबे की उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को दखिल किया जा रहा है। इसके तहत प्रदेश के सभी विवि और कालेजों में स्नातक में सीबीसीएस (च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम) लागू किया जा रहा है। तीन साल की डिग्री में विद्यार्थी अब कभी फेल नहीं होगा। वह हरहाल में आगे बढता चला जाएगा। क्योंकि उसे एक साल से दूसरे साल में पहुंचने के लिए सिर्फ 24 क्रेडिट हासिल करना होगा, जिससे वह बहुत आसानी से हासिल कर लेगा। यहां तक वह एक पेपर में कोरी कापी भी रख देता है, तो भी वह दूसरे पेपर से ज्यादा क्रेडिट लेकर आगामी सत्र प्रवेश कर जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग आगामी सत्र 2021-22 में सीबीसीएस से ही पढाई कराएगा।

चालीस फीसदी बदल जाएगा यूजी का कोर्स
उच्च शिक्षा विभाग स्नातक के कोर्स में बदलाव करने जा रहा है। इसके लिए 79 बोर्ड आफ स्टडी की आनलाइन बैठक तीस मई तक होंगे। इससे सत्र 2021-22 में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को करीब चालीस फीसदी बदले हुए कोर्स को अध्ययन करने का मौका मिलेगा। विभाग हर वर्ष के हिसाब से सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री देगा।

उच्च शिक्षा विभाग 79 बोर्ड आफ स्टडी की पहले पडाव की बैठकें करा चुका है। बैठक के दौरान सभी बोर्ड करीब चालीस फीसदी कोर्स में बदलाव करने के साथ डिजाईन करने के तरीके बताए जा चुके हैं। अब बोर्ड कोर्स डिजाईन करने आधा से एक दर्जन आनलाइन बैठेकें करेंगे। ये बैठकें तीस मई तक पूरी हो जाएंगी। तब विभाग आगामी सत्र 2021-22 में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को नया सिलेबस पढने देगा। इसमें उन्हें नई स्कीम का फायदा भी मिलेगा। प्रोफेसर आउट कम वेस्ड स्कीम के तहत कोर्स तैयार कर रहे हैं। इससे एक साल की पढाई करने पर विद्यार्थी को सर्टिफिकेट, दो साल में डिप्लोमा और तीन साल में डिग्री देने के बाद विद्यार्थी चौथे साल में प्रवेश लेता है, तो उसे रिसर्च की डिग्री दी जाएगी।

उद्योगों से जुडेंगे कोर्स
सभी बोर्ड कोर्स को डिजाईन करते समय इस बात पर फोकस करेंगे कि विद्यार्थी सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री लेकर निजी रोजगार स्थापित करने या नौकरी हासिल कर कर सके। इसलिए सभी बोर्ड कोर्स को स्थानीय उद्योगों से जोडकर तैयार कर रहे हैं। इससे विद्यार्थियों को अध्ययन करने के बाद नौकरी हासिल करने के बाद ज्यादा मशक्कत नहीं करना पडेगा।

तीसरे साल तक पूरा हो जाएगा बदलाव
बोर्ड तीस मई तक यूजी के प्रथम, द्वितीय, तीसरे और चतुर्थ वर्ष की बैठक कर सिलेबस तैयार कर लेंगी। आगामी सत्र 2021-22 में प्रथम वर्ष के प्रवेशित विद्यार्थियों को नया कोर्स पढने मिलेगा। इसके बाद साल दर साल बदले हुए कोर्स लागू होते चले जाएंगे। प्रथम के बाद विद्यार्थियों को द्वितीय वर्ष और तीसरे वर्ष में आने के बाद नये कोर्स मिलते चले जाएंगे। वहीं चतुर्थ वर्ष में उन्हें अपने विषय से जुडे रिसर्च का कोर्स अध्ययन करने मिलेगा।

सीबीसीएस सिस्टम में किसी भी उम्र में प्रवेश दिया जाएगा। वहीं कोर्स की समयअवधि भी समाप्त कर दी गई है। हालांकि कोई विद्यार्थी फेल नहीं होगा, लेकिन अब उसे एक निश्चित मियाद में डिग्री करने के झंझट से मुक्त कर दिया गया है।
यूजी में तीन साल देने के बाद विद्यार्थी चौथा साल में अतिरिक्त क्रेडिट हासिल करने में लगा देता है, तो उसे विश्वविद्यालय यूजी में रिसर्च की डिग्री देगा। यूजी के तीन साल में क्रेडिट 140 क्रेडिट हासिल करना है। चौथे वर्ष 192 क्रेडिट हासिल मिलने पर विद्यार्थी को रिसर्च की डिग्री मिलेगी।

प्रथम वर्ष में विद्यार्थी को कम से कम 24 क्रेडिट हासिल करना है। यह वह मूल विषय, सामान्य ऐच्छिक विषय, वोकेशनल कोर्स और फाउंडेशन कोर्स से हासिल कर पाएंगे। वह एक साल में 49 क्रेडिट हासिल कर सकता है। इसमें उन्हें घटते क्रम में ए प्लस प्लस, ए प्लस, बी, सी, डी के आधार पर अंकसूची दी जाएगी। वहीं एक साल में सर्टिफिकेट, दूसरे वर्ष डिप्लोमा, तीसरे वर्ष में डिग्री और चौथे वर्ष में रिसर्च की डिग्री मिलेगी।

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