Thursday, March 28th, 2024

विक्रम विवि में मार्निंग और इवनिंग वॉक करने पर देना पड सकता है आॅक्सीजन टैक्स

 

विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में मॉर्निंग व इवनिंग वॉक करने वालों पर विश्वविद्यालय आॅक्सीजन टैक्स लगाने की तैयारी कर रहा है। कुलपति का कहना है कि यह टैक्स स्वैच्छिक रहेगा। इसका उद्देश्य विवि परिसर के आॅक्सीजन लेवल को कायम रखने के साथ उसमें बढ़ोतरी करना है। एक पौधे से रोज 550 किलोग्राम आॅक्सीजन मिलती है जबकि एक व्यक्ति एक दिन में 750 किलो आॅक्सीजन का उपभोग करता है। ऐसे में जरूरी है कि हमें आॅक्सीजन के लेवल को बनाए रखने के और उपाय भी करने होंगे। इसके लिए उन लोगों को भागीदार बनाएंगे, जो यहां रोज आते हैं। परिसर में सम्राट विक्रमादित्य के नौ रत्नों के नाम पर नौ पर्यावरण संरक्षित क्षेत्र भी विकसित किए जाएंगे।

विक्रमादित्य के नौ रत्नों के नाम पर नौ क्षेत्रों में लगाएंगे पौधे

धन्वंतरि, क्षपणक, अमरसिंह, शंकु, घटकर्पर, कालिदास, वेतालभट्ट, वररुचि और वराह मिहिर सम्राट विक्रमादित्य के राज दरबार के अंग थे। इन्हें नौ रत्न भी कहा जाता था। इनके नाम पर विश्वविद्यालय परिक्षेत्र में नौ क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इनमें अलग अलग प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। यह पौधे मॉर्निंग और इवनिंग वॉक करने वाले सदस्य लगाएंगे।

वाकिंग प्लेस पर होगी स्टेंडिंग
कुलपति पांडे ने बताया उन्हें इस तरह जोड़ा जाएगा कि वे केवल पौधे लगाकर ही न छोड़ दें। वे संबंधित पौधा लगाने के साथ सालभर उसका रख-रखाव करें। तार फेंसिंग करवाएं। उसमें पानी दें। जरूरत पड़ने पर एक व्यक्ति को नियुक्त तक करें। इसके लिए एक सप्ताह में मॉर्निंग व इवनिंग वॉक पर आने वालों के साथ उसी जगह पर स्टेंडिंग बैठक रखी जाएगी।

30 अध्ययनशालाओं के सभी सदस्यों को भी देंगे दायित्व
विश्वविद्यालय परिसर का आॅक्सीजन लेवल मेंटेन रहे इसके लिए 30 अध्ययनशालाओं के सभी अफसर, कर्मचारियों के साथ विद्यार्थियों को भी दायित्व दिया जाएगा। उन्हें समझाया जाएगा कि वे परिसर में कम से कम एक पौधा लगाएं। इसके अलावा उसे सहेजें। अध्ययनशालाओं में हर महीने इसकी एक अलग क्लास भी लगाई जाएगी। यही नहीं छात्र संगठन को भी भागीदार बनाएंगे।

छात्र ने पूछा था- आॅक्सीजन बचाने आपने क्या किया
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति पांडे लखनऊ में एक व्याख्यान दे रहे थे। तभी एक छात्र ने उनसे पूछा- आपने आॅक्सीजन बचाने के लिए क्या किया। इस पर कुलपति पांडे ने छात्र को समझाया और लौट कर विक्रम विवि में आॅक्सीजन टैक्स लगाने की योजना बनाई। अब इसे मूर्तरूप दिया जाएगा। उनका कहना है कि टैक्स के रूप में भले ही छोटी राशि ली जाएगी लेकिन इसी बहाने संबंधित का जुड़ाव उस पौधे से होगा। वॉक करने वाले विश्वविद्यालय से आॅक्सीजन लेते हैं तो कम से कम उन्हें विश्वविद्यालय के पर्यावरण संरक्षण के लिए योगदान देना चाहिए।

आॅक्सीजन बढ़ाने के लिए बनाई योजना
विक्रम विवि परिसर में मॉर्निंग और इवनिंग वॉक पर रोज करीब पांच हजार लोग आते हैं। कोरोना काल में हम सभी ने आॅक्सीजन का मूल्य समझा। अब जबकि हमें यह मुफ्त में मिल रही है तो उसे सहेजने के लिए आॅक्सीजन टैक्स लगाने की योजना बनाई है। एक सप्ताह में उनके साथ स्टेंडिंग बैठक कर इसे मूर्तरूप दिया जाएगा।--
प्रो. अखिलेश कुमार पांड्ये
 कुलपति विक्रम विवि

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