Friday, March 29th, 2024

बरकतउल्ला में रैगिंग मामले में 6 स्टूडेंट निलंबित

भोपाल
राजधानी के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय और खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कालेज में हुई रैगिंग की घटनाओं की जांच रिपोर्ट जमा कर दी गई हैं। बीयू में जहां छह विद्यार्थियों को कक्षाओं से निलंबित कर दिया है। इसमें से दो विद्यार्थियों को हास्टल से भी बाहर किया गा है। वहीं खुशीलाल आयुर्वेद कालेज के विद्यार्थियों की जांच रिपोर्ट में कुछ खास तथ्य सामने नहीं आये हैं, जिसके कारण किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। रैगिंग की घटनाएं लगातार बढ रही हैं और कार्रवाई में कोइ्र खास सख्ती नहीं दिखाई दे रही है, जिसकी वजह यूजीसी के रैगिंग नियंत्रण प्रोग्राम ढील पढना बताया जा रहा है।

बीयू में गत माह हुई रैगिंग की घटना की जांच रिपोर्ट में आधा दर्जन विद्यार्थियों को कक्षाओं के साथ एकेडमिक गतिविधियों से निलंबित किया गया है। इसमें से दो विद्यार्थियों को  हास्टल से भी बाहर किया गया है। उन्हें आगामी आदेश तक के लिये निलंबित किया गया है। जानकारी के मुताबिक यूआईटी की कक्षा में जूनियर लंच टाइम में अकेला बैठा था। इस दौरान सीनियर ने उसे कमरे में बंद कर उसके साथ रैगिंग ली। इसमें पांच विद्यार्थी शामिल थे। उक्त पांच विद्यार्थियों में से एक विद्यार्थी दूसरे रैगिंग के प्रकरण में शामिल था। इसमें उसके साथ एक विद्यार्थी और था। दोनों ने एक विद्यार्थी की रैगिंग ली थी। दोनों रैगिंग की घटनाओं की शिकायत यूजीसी की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर दर्ज कराई थी। बीयू की एंटी रैगिंग कमेटी के सदस्य प्रो. विवेक शर्मा, प्रो. एसके खटीक, प्रो. पवन मिश्रा, प्रो. मोना पुरोहित, प्रो. आईशा रईस और डिप्टी रजिस्ट्रार सुनील खरे ने दोनों रैगिंग के प्रकरण में फरियादी और आधा दर्जन आरोपी विद्यार्थियों बयान दर्ज कर रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के आधार पर बीयू ने रैगिंग लेने वाले छह सीनियर विद्यार्थियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की है। इसके तहत उन्हें कक्षाओं से आगामी आदेश तक के लिये निलंबित किया गया है।

ड्रेसकोड पर रैगिंग
पं. खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कालेज में सीनियर विद्यार्थियों ने जूनियर विद्यार्थियों की रैगिंग लेकर उन्हें डेÑसकोड में रहने के कहा है। ड्रेसकोड को जूनियर स्वीकार करने को तैयार नहंी हैं। इसलिये एक जूनियर ने ईमेल के माध्यम से रैगिंग की शिकायत की है। शिकायत मिलने के बाद एंटी रैगिंग कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट कालेज प्रबंधन को सौंद दी है। रिपोर्ट के मुताबिक जूनियर विद्यार्थियों ने रैगिंग की घटना होने से इंकार कर दिया है। कमेटी ने सभी जूनियर विद्यार्थियों से लिखित में लिया है कि उनके साथ सीनियर ने किसी भी प्रकार की काई रैगिंग नहीं ली है। कमेटी ने रैगिंग नहीं होने की घटना की रिपोर्ट तैयार कर कालेज प्रबंधन को सौंप दी है।

कॉल सेंटर बनकर रह गया यूजीसी का रैगिंग रोकने का प्रोग्राम
प्रदेश में रैगिंग के प्रकरण लगातार बढ रहे हैं। विगत एक माह में दो विद्यार्थियों ने रैगिंग की चपेट में आकर आत्महत्या की है। इसमें एक विद्यार्थी इंदौर और दूसरा विद्यार्थी उडीसा के मेडिकल कालेज का है। बीयू, आयुर्वेद कालेज और आरजीपीवी ने में रैगिंग की घटनाएं लगातर बढ रही हैं। इसकी वजह यूजीसी की रैगिंग रोकने के लिये संचालित की जा रही वेबसाइट पर बिगडा प्रबंधन है। यूजीसी रैगिंग नियंत्रित करने अमन मूवमेंट और दूसरी एंटी रैगिंग वेबसाइट चला रहा है। यूजीसी ने वेबसाइट का ठेका सेंटर फोर यूथ नामक कंपनी को दिया है। कंपनी रैगिंग के प्रोग्राम को सुचारू रूप से संचालित नहीं कर पा रही है। इसके चलते देश ही नहीं बल्कि समूचे देश में रैगिंग अनियंत्रित होने लगी है। रैगिंग की घटनाएं घटित होने के बाद विद्यार्थी अब यूजीसी को सूचित नहीं कर रहे हैं। जूनियर विद्यार्थियों में भयाभय की स्थिति बनी हुई है। अमन मूवमेंट की गतिविधियों को तीन अप्रैल से बंद कर दिया है। एक माह का समय बीत गया है। प्रदेश में कई रैगिंग की घटनाएं घटित हो चुकी हैं, लेकिन उनकी पूछ परख करने वाला कोई नहीं है। सेंटर फोर यूथ नामंक कंपनी रैगिंग रोकने के प्रोग्राम को सिर्फ कॉल सेंटर की तरह संचालित कर रही है। इसमें विद्यार्थी की शिकायतें दर्ज हो रही हैं, लेकिन कार्रवाई के लिये उन्हें लंबा इंतजार करना पड रहा है।

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