दस माह बाद कालेजों में लौटी रौनक, शत प्रतिशत खुले कालेज और विवि
भोपाल
दस माह बाद आज से राजधानी के साथ प्रदेश के 41 जिलों के सरकारी और निजी कालेजों को शत प्रतिशत खोल दिए गए हैं। सूबे के सभी विवि के शैक्षणिक विभागों में लगे ताले भी आज खोल दिए गए हैं। आज से विद्यार्थी कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए अपनी पढाई को नियमित रख पाएंगे। भोपाल कलेक्टर अविनाश लावनिया आज सुबह ही कालेज खोलने के आदेश जारी किए हैं। हालांकि कालेजों को सेनेटाइज नहीं किया गया है और ना ही वहां कोरोना लाइडलाइन के तहत मापदंडों को तैयार किया गया है। कालेजों ने विद्यार्थियों के हाथों सेनेटाईज करने के लिए सेनेटाइज सार्वजनिक तौर पर रखा है। यहां तक हाथ धोने के लिए पृथक से साबुन और पानी की व्यवस्था नहीं की है। हालांकि अभी तक प्रायोगिक और यूजी के अंतिम वर्ष व पीजी के अंतिम सेमेस्टर की कक्षाएं खोली गई थीं। इसमे ंउनकी उपस्थिति 15 से 35 फीसदी ही बताई गई है।
14 मार्च को बंद हुए थे कालेज
दस माह पूर्व तत्कालीन प्रमुख सचिव नीजर मंडलोई ने लाकडाउन लगने के पहले कोरोना संक्रमण को देखते हुए गत वर्ष 14 मार्च को कालेज और विवि के खुलने पर रोक लगा दी थी। अब आज से कालेक्टर की स्वीकृति मिलने के बाद दस माह कालेजों को शत प्रतिशत खोल दिया गया है।
आपदा प्रबंधन का सर्वे
उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव अनुपम रंजन ने आदेश दिए थे कि कालेज प्राचार्य बीस जनवरी तक आपदा प्रबंधन से सर्वे कराकर कालेजों को खोलेंगे। भोपाल कलेक्टर ने बिना सर्वे करा ही कालेज खोलने की स्वीकृति दे दी है। प्रोफेसरों का कहना है कि अभी तक उन्हें शत प्रतिशत कालेज खोलने की स्वीकृति आपदा प्रबंधन के सर्वे के मुताबिक नहीं दी गई है। हालांकि निजी कालेजों ने सुरक्षा के लिहाज से मापदंडों का पूरा पालन कर रहे हैं। सरकारी कालेजों ने विभागीय आदेश के आगे सभी व्यवस्थाओं को चकनाचूर कर रखा है।
राजधानी में 150 कालेज
भोपाल जिले में पारंपरिक कोर्स के करीब 80 कालेज हैं। जबकि उच्च शिक्षा विभाग के प्रोफेशनल कोर्स की साथ उनकी संख्या करीब 150 तक पहुंच जाती है।
पालक की स्वीकृति पर मिला प्रवेश
प्राचार्यों ने विद्यार्थियों से अभिभावकों की लिखित स्वीकृति मांगी है। कई विद्यार्थी आज स्वीकृति लेकर प्रोफेसरों के पास पहुंचे और जो विद्यार्थी स्वीकृति लेकर नहीं आए हैं। उन्हें आगामी दिनों में स्वीकृति लाने की समझाईश दी गई है। इसके अभाव में उन्हें कक्षाओं में शामिल नहीं किया जाएगा।
पाठको की राय