Saturday, May 18th, 2024

पाकिस्तानी बोले- भारत तीन दशक में एक बहुत बड़ा बाजार बना, ऐसे में कोई उनको नाखुश नहीं करना चाहता और कश्मीर पर सब चुप हो जा रहे हैं

इस्लामाबाद
 पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर ने भारत को अपना कट्टर प्रतिद्वंद्वी बताते हुए कश्मीर को राजनयिक समर्थन जारी रखने का वादा किया है। खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तान वायु सेना अकादमी की परेड में मुनीर ने कश्मीर पर इस्लामाबाद को घटते हुए अंतरराष्ट्रीय समर्थन पर निराशा जाहिर की। साथ ही उन्होंने कहा कि कश्मीर पर दुनिया की चुप्पी काफी अजीब और परेशान करने वाली है। अपने आर्मी चीफ के इस बयान पर पाकिस्तान के लोग क्या सोचते हैं, ये जानने के लिए पाकिस्तानी यूट्यूबर सना अजमद ने लोगों से बातचीत की है। पाकिस्तान के लोगों ने इस पर कई मजेदार जवाब दिए हैं।

सना ने लोगों से सवाल किया कि कश्मीर पर दुनिया की सपोर्ट पाकिस्तान के लिए कम क्यों हो रही है, जिस पर आर्मी चीफ भी फिक्रमंद हैं। इस पर बाबर नाम के स्टूडेंट ने जवाब देते हुए कहा, 'पाकिस्तान को ये तय करना होगा कि वो कहां खड़ा है। आर्थिक तौर पर जिस तरह से हम कमजोर हो रहे हैं, उसका असर हर पहलू पर पड़ रहा है। जब कोई देश माली तौर पर कमजोर पड़ता है तो दूसरे देश उससे कन्नी काटने लगते हैं। उनको लगता है कि इनसे कुछ मिल नहीं पाएगा। भारत बीते दो से तीन दशक में एक बहुत बड़ा बाजार बन गया है। ऐसे में कोई उनको नाखुश नहीं करना चाहता और कश्मीर पर सब चुप हो जा रहे हैं।'
आखिर कोई क्यों हमारे साथ आकर लड़ेगा?

मुदस्सिर ने सना से कहा कि ईरान के राष्ट्रपति हाल ही में पाकिस्तान आए तो पाक पीएम सऊदी अरब गए। दोनों ही नेताओं से पाकिस्तान कश्मीर पर ऐसा बयान नहीं ले सका, जैसा वो चाहता था। आखिर दुनिया भी थक गई है कि हर बार वही बात करने के लिए उनसे कहा जाता है। दुनिया को लगने लगा है कि ये दो देशों का मामला है और भारत-पाकिस्तान को ही इस पर बात करते हुए हल करना चाहिए।'

शाहिद ने कहा, 'कश्मीर पर इसलिए पाकिस्तान की आवाज कमजोर हो रही है क्योंकि पाक की विदेश नीति की बैंड बजी पड़ी है। विदेश नीति पर कुछ भी तय नहीं है। एक ही बात को हम दुनियाभर में कहते रहे हैं, ये बातें अब दुनिया को लुभा नहीं रही हैं। एक तरफ विदेश नीति खत्म है तो दूसरी ओर अर्थव्यवस्था की हालत ये है कि लोग हमें भिखारी समझ रहे हैं। ऐसे में आप कश्मीर की बात छोड़िए, मुझे तो डर है कि बलूचिस्तान ही हाथ से ना निकल जाए।'

Source : Agency

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