Friday, April 26th, 2024

कापियों में डॉन की स्टोरी, एमबीए में चिपकाई गाइड की फोटो कापी, बीयू ने किया फेल

भोपाल

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के विद्यार्थी परीक्षाओं को लेकर दी गई शासन की सुविधाओं को नहीं भुना पाये हैं। ओपन बुक सिस्टम से होने वाली परीक्षाओं में विद्यार्थी फेल हो जाएं, तो सुनन में काफी आश्चर्य होता है। जहां विद्यार्थियों ने शाहरुख खान की फिल्म डान की स्टोरी लिखी है, तो कहीं विक्रम वेताल के किस्स। यहां तक एमबीए जैसे परीक्षा में विद्यार्थी उत्तर के स्थान पर गाइड के पेज की फोटो कापी लगाकर कापियों को बीयू भेज दिया है। ऐसे विद्यार्थी फेल होने के साथ बीयू की धवि को भी धूमिल कर रहे हैं।

बीयू ने बीकाम अंतिम वर्ष के नियमित और प्राइवेट विद्यार्थियों के रिजल्ट जारी किये हैं। इसमे नियमित विद्यार्थी 99.85 और प्राइवेट विद्यार्थी 99.18 फीसदी विद्यार्थी पास हुये हैं, लेकिन शेष फेल होने कारण विद्यार्थियों द्वारा ओपन बुक से परीक्षा में पूछे गये सवालों के जवाब नहीं लिखना है। बीकाम की परीक्षा में एक विद्यार्थी सुपर स्टार शाहरुख खान की फिल्म डान की स्टोरी लिख दी है। वहीं दूसरी बीए के विद्यार्थी ने विक्रम बेताल के किस्से लिखे हैं। यहां तक एमबीए जैसे प्रोफेशनल कोर्स में विद्यार्थी ने परीक्षा में पूछे गये सवालों के जवाब लिखने की जगह गाइड से उत्तर की फोटो कापी कराकर उत्तरपुस्तिका में चिपका कर बीयू भेज दी हैं।

प्रोफेसरों ने मूल्यांकन के दौरान विद्यार्थियों द्वारा किये गये कारनामों से बीयू अधिकारियों को सूचित किया है। तब अधिकारियों ने उन्हें कहाकि वे विद्यार्थियों ने जो किया है। उन्हें उसके तहत ही अंक आवंटित किये जाएं। प्रोफेसरों ने उन्हें जीरो अंक आवंटित किये हैं। अधिकारियों का कहना है कि ओपन बुक एग्जाम में रिजल्ट शत प्रतिशत आना चाहिए था, लेकिन विद्यार्थियों की कारस्तानी के चलते बीयू की साख पर बट्टा लग रहा है।

बीयू ने बुधवार को आधा दर्जन परीक्षाओं के रिजल्ट जारी किये हैं। इसमें एमए अरबिक सीबीसीएस में 100 प्रतिशत, डिप्लोमा योग 94.12, इलेक्ट्रनिक एंड कम्यूनिकेशन 87.50 और मेकेनिकल में 78.13 फीसदी विद्यार्थी पास हुये हैं। शेष विद्यार्थी ओपन बुक सिस्टम में किताबों से उचित जवाब खोजकर नहीं लिखने के कारण फेल हुये हैं।

वर्जन
विद्यार्थियों ने जिस तरह से उत्तरपुस्तिकाओं में उत्तर लिखे हैं। प्रोफेसरों ने उन्हें उसी तरह के अंक आवंटित किये हैं। वे फेल हुये हैं, तो उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं लिखे होंगे।
डॉ. हरिहर शरण त्रिपाठी

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