जानिए- आखिर क्या चक्रवात का नाम रखने का तरीका, जानें क्यों है हिंद महासागर में ऐसी व्यवस्था
बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती तूफान खतरनाक रूप ले रहा है। मौसम विभाग ने इस चक्रवाती तूफान की गंभीरता को देखते हुए 12 अन्य देशों को भी इसके प्रति अलर्ट किया है। बंगाल की खाड़ी में जो चक्रवाती तूफान दस्तक दे रहा है, उसका नाम ‘Mocha’ रखा गया है। दरअसल अलग-अलग महासागरों में चक्रवाती तूफानों के नामकरण की प्रक्रिया के नियम भी अलग होते हैं। यदि हिंद महासागर में उठने वाले चक्रवाती तूफानों की बात की जाए तो यहां कभी भी किसी चक्रवाती तूफान का नाम 8 अक्षर से ज्यादा का नहीं रखा जाता है।
हिंद महासागर में उठे चक्रवाती तूफानों के नाम
ताउते (tauktae) - 7 अक्षर
निवार (nivar) - 5 अक्षर
अंफान (amphan) - 6 अक्षर
फानी (fani) - 4 अक्षर
तितली (titli) - 5 अक्षर
बुलबुल (bulbul) - 6 अक्षर
गाजा (gaja) - 4 अक्षर
ऐसे रखा जाता है नाम
दुनिया भर में हर महासागर बेसिन में बनने वाले चक्रवातों का नाम रखने की परंपरा भी अलग-अलग है। हर महासागर के क्षेत्रीय विशेष मौसम विज्ञान केंद्रों (RSMCs) और उष्णकटिबंधीय चक्रवात चेतावनी केंद्रों (TCWCs) द्वारा चक्रवाती तूफानों का नामकरण किया जाता है। पूरे दुनिया में 6 RSMC हैं, जिनमें भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और पांच TCWC शामिल हैं। RSMC के रूप में IMD एक मानक प्रक्रिया का पालन करने के बाद बंगाल की खाड़ी और अरब सागर सहित उत्तर हिंद महासागर में बनने वाले चक्रवातों का नाम देता है। भारतीय मौसम विभाग को चक्रवात और तूफान की तीव्रता के आधार पर 12 देशों को सलाह जारी करने का भी अधिकार है।
ऐसे मापी जाती है किसी चक्रवाती तूफान की गंभीरता
किसी भी चक्रवाती तूफानों की गंभीरता उसकी गति, वायु दबाव और तापमान आदि के आधार पर तय की जाती है। दुनिया में फिलहाल तूफान की गंभीरता की कैटेगरी तय करने के लिए ‘Saffir Simpson Scale’ का उपयोग किया जाता है, जो इस प्रकार है -
कैटेगरी 1 - तेज तूफान (वेग: 119-153 किलोमीटर/घंटा)
कैटेगरी 2 - बहुत तेज तूफान (वेग: 154-177 किलोमीटर/घंटा)
कैटेगरी 3 - अधिकतम तेज तूफान (वेग: 178-209 किलोमीटर/घंटा)
कैटेगरी 4 - भयानक तूफान (वेग: 210-249 किलोमीटर/घंटा)
कैटेगरी 5 - बहुत अधिक भयावह तूफान (वेग: 250 किलोमीटर/घंटा या उससे अधिक)
इस स्केल के मुताबिक यदि किसी चक्रवाती तूफान की गति 34 नॉटिकल मील प्रति घंटे से ज्यादा होती है तो तूफान का नामकरण होता है। चक्रवाती तूफानों का नाम रखने की परंपरा सबसे पहले 1953 में अटलांटिक क्षेत्र में एक संधि के साथ हुई। इसी संधि के बाद सबसे पहले चक्रवाती तूफान का नाम ‘तूफानो’ का नाम रखा गया था।
तूफानों के नामकरण पर भी विवाद
ऑस्ट्रेलिया में साल 1953 में ‘तूफानो’ का नाम वहां के भ्रष्ट नेताओं और राजनीतिज्ञों के नाम पर रखा जाता था। 1960 के बाद अमेरिका सहित कई देशों में चक्रवाती तूफानों के नाम महिलाओं के नाम पर रखे जाने लगे थे। धीरे-धीरे दुनिया के कई महिला संगठन इसके विरोध में आने लगे और बाद में इस परंपरा में भी बदलाव आने लगा।
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