Thursday, May 2nd, 2024

मैगी विवाद में हिल गया था Nestle का मार्केट, 9 साल बाद नेस्ले का एक और प्रोडक्ट निशाने पर

नई दिल्ली
साल 2015 की बात है, देश की खाद्य सुरक्षा नियामक FSSAI ने मैगी नूडल्स के नमूनों की जांच की। इस जांच के दौरान सीसे की अधिक मात्रा पाई गई और बाद में FSSAI ने मल्टीनेशनल FMCG कंपनी नेस्ले के मैगी नूडल्स को प्रतिबंधित कर दिया। हालांकि, कुछ महीने बाद मैगी ने बाजार में दोबारा वापसी की लेकिन तब तक मार्केट में कुछ अन्य कंपनियों ने मैगी नूडल्स के विकल्प खड़े कर दिए। अब करीब 9 साल बाद नेस्ले का एक और प्रोडक्ट निशाने पर है। इस बार का मामला बेबी फूड से जुड़ा है।

क्या है मामला
दरअसल, नेस्ले पर आरोप लगे हैं कि कंपनी विकासशील देशों में बेचे जाने वाले अपने बेबी फूड्स में शुगर और हनी को मिस्क करती है। पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (आईबीएफएएन) के डेटा का हवाला देते हुए द गार्जियन ने एक रिपोर्ट छापी है। पब्लिक आई के विश्लेषण से पता चला कि भारत में जांचे गए नेस्ले के 15 सेरेलैक बेबी प्रोडेक्ट्स में हर सर्विंग औसतन करीब 3 ग्राम चीनी मिली होती है। रिपोर्ट के मुताबिक विकासशील देशों में नेस्ले के दो सबसे अधिक बिकने वाले बेबी फूड ब्रांडों में अतिरिक्त चीनी का उच्च स्तर था। चिंताओं पर प्रतिक्रिया देते हुए नेस्ले इंडिया ने मिंट को बताया कि उसने पिछले पांच वर्षों में अपने बेबी फूड चेन में 30 प्रतिशत तक अतिरिक्त चीनी को कम कर दिया है।

भारत में मैगी नूडल्स पर प्रतिबंध
सीसे के विवाद के बाद 5 जून से 1 सितंबर 2015 के बीच पूरे भारत में खुदरा दुकानों से लगभग 38,000 टन मैगी नूडल्स वापस ले लिए गए और बाद में उन्हें नष्ट कर दिया गया। इस वापसी से नेस्ले इंडिया पर गंभीर असर पड़ा और मैगी की बाजार हिस्सेदारी 80 प्रतिशत से घटकर शून्य हो गई। बता दें कि मैगी की बिक्री नेस्ले इंडिया के राजस्व में 25 प्रतिशत से अधिक का योगदान देती है। कई महीनों बाद नवंबर 2015 में नेस्ले के मैगी की मार्केट में वापसी हुई।

नेस्ले को मैगी मामले में मिली है राहत
हाल ही में शीर्ष उपभोक्ता शिकायत निपटान संस्था एनसीडीआरसी ने मैगी मामले में नेस्ले से 640 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगने वाली सरकार की याचिका खारिज कर दी है। एनसीडीआरसी ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की तरफ से दायर दो याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें 284.55 करोड़ रुपये के मुआवजे, 355.41 करोड़ रुपये के दंडात्मक हर्जाने की मांग की गई थी।

शेयर पर असर
बेबी फूड्स में शुगर के विवाद का असर नेस्ले इंडिया के शेयर पर पड़ा है। सप्ताह के चौथे दिन गुरुवार को नेस्ले के शेयर 2462.75 रुपये पर बंद हुए। एक दिन पहले के 2547 रुपये के मुकाबले यह शेयर 3.31% टूटकर बंद हुआ। बता दें कि 2 जनवरी 2024 को यह शेयर 2770 रुपये के स्तर पर था। यह शेयर के 52 हफ्ते का हाई है।

Source : Agency

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