Sunday, September 8th, 2024
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अपनी किरकिरी देख बीयू, एपीएस, डीएविवि और आरडीविवि ने एनसीटीई में लगाई मान्यता जारी करने की गुहार

भोपाल 
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के बीएड और बीपीएड के साथ देवी अहिल्या विवि इंदौर, अवधेश प्रताप सिंह विवि रीवा और रानी दुर्गावति विवि जबलपुर के बीएड की आगामी सत्र 2019-20 की मान्यता राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने निरस्त कर रखी है। इसमें बीयू का बीपीएड भी शामिल है। अपनी प्रतिष्ठा को दांव पर लगा देख विवि ने एनसीटीई में मान्यता देने के लिए अपील कर दी है। 

बीयू भोपाल, डीएविवि इंदौर, एपीएस रीवा और आरडीविवि जबलपुर बीपीएड की 100-100 सीटों के प्रवेश की मान्यता को एनसीटीई ने रोक रखा है। इसलिए सभी विवि उच्च शिक्षा विभाग के प्रथम और दूसरे राउंड की काउंसलिंग में प्रवेश नहीं दे पाएंगे। इससे उक्त विवि की चौतरफा किरकिरी हो रही है। वे अपनी नाक को बचाने के लिए एनसीटीई में मान्यता जारी करने के लिए अपील में पहुंच गए हैं। हालांकि उनकी मान्यता एनसीटीई कुछ शर्तें लगाकर जारी कर सकता है, लेकिन एनसीटीई ने उनकी मान्यता की अपील को खारिज कर दिया, तो विवि की धवि धूमिल होना तय है। 

तीसरे राउंड के भरोसे होगी काउंसलिंग 
विभाग दूसरे राउंड के अलाटमेंट बीस मई को जारी करेगा। इसमें विद्यार्थी 25 मई तक कालेजों में पहुंचकर प्रवेश ले पाएंगे। इसके बाद विभाग तीसरा राउंड शुरू करेगा। उक्त विवि तीसरे राउंड के पहले मान्यता ले आते हैं, तो उन्हें काउंसलिंग में शामिल बीएड की सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। इसमें लेटलतीफी होने पर उनकी सीटें सूनी रह जाएंगी। प्रथम राउंड में विभाग ने बीयू को काफी अलाटमेंट किए थे। इसमें से करीब एक दर्जन विद्यार्थी ही प्रवेश ले पाए थे। एनसीटीई द्वारा मान्यता खत्म करने पर विभाग ने उनके प्रवेश दूसरे कालेजों में शिफ्ट कर दिए थे। वहीं बीपीएड के दूसरे राउंड में शामिल करने की व्यवस्था की जा रही थी, लेकिन मान्यता रद्Þद होने से अब मेजन ध्यानचंद शारीरिक शिक्षा विभाग के बीपीएड की सीटों पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसकी अपील भी बीयू ने एनसीटीई में की है। 

नहीं मिलेंगे बेहतर विद्यार्थी 
दो राउंड पूरे होने के बाद तीसरे राउंड तक ही विवि को मान्यता मिल सकती है। इसी राउंड के भरोसे विवि काउंसलिंग में शामिल होंगे। तीसरे राउंड तक आने विवि को बेहतर स्तर के विद्यार्थियों के प्रवेश नहंी मिल पाएंगे। क्योंकि उनके प्रवेश प्रथम और दूसरे राउंड में पूरे हो चुके होंगे। उक्त विवि की फीस भी निजी कालेजों से काफी कम है। विवि की फीस करीब 25 हजार रुपए है। जबकि निजी कालेजों की फीस चालीस हजार रुपए तक है। वहीं मान्यता रद्द होने से विद्यार्थियों के साथ फीस का नुकसान भी छेलना होगा। 

फैकल्टी का अभाव 
बीयू, डीएविवि, एपीएस रीवा और आरडीविवि जबलपुर की बीएड और बीपीपएड की मान्यता जाने का सबसे कारण फैकल्टी अभाव होना बताया गया है। हालांकि विवि ने आचार संहिता का हावाला दिया है। आचार संहिता उतरते ही विवि संविदा पर फैकल्टी नियुक्ति करेंगे। 
 

Source : MP Education

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